अगर आपके पेरेंट्स बॉलीवुड के जाने-माने नाम हों - विदु विनोद चोपड़ा और अनुपमा चोपड़ा – तो ये तो मान ही लिया जाता है कि आप एक्टिंग या डायरेक्शन की दुनिया में जाएंगे। लेकिन Agni Chopra ने सबको चौंकाते हुए एक बिलकुल अलग रास्ता चुना - क्रिकेट का।
ये कहानी किसी फिल्म की तरह लगती है - जिसमें हीरो अपने नाम, पहचान और पृष्ठभूमि से भागकर खुद की एक अलग पहचान बनाता है। लेकिन Agni की ये कहानी रील नहीं, रियल है। और इतनी इंस्पायरिंग है कि हर क्रिकेट प्रेमी और सपने देखने वाले यंगस्टर्स को पढ़नी ही चाहिए।
शिवाजी पार्क से शुरू हुई थी कहानी
Agni का क्रिकेट सफर तब शुरू हुआ जब वो सिर्फ 6 साल का था। मुंबई का Shivaji Park, जहां से सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली जैसे दिग्गज निकले, वही बना Agni की पहली क्रिकेट क्लासरूम। मगर बाकी लड़कों से वो बहुत अलग था – क्योंकि उसका सरनेम Chopra था।
लोगों ने पहले ही उसे जज करना शुरू कर दिया। कोच और साथी खिलाड़ी सोचते थे – "ये अमीर बाप का बेटा है, थोड़े दिन खेलेगा और फिर छोड़ देगा क्रिकेट।"
पर Agni ने दिखा दिया कि क्रिकेट उसके खून में नहीं, उसके पसीने में है।
नाम छुपाना पड़ा, लग्ज़री से दूर भागना पड़ा
Agni चाहता था कि उसे कोई 'स्टार किड' के तौर पर ना देखे। वो बस एक simple cricketer की तरह खुद को प्रूव करना चाहता था।
इसलिए वो अपने ड्राइवर को कहता कि "गाड़ी दूर पार्क करो, कोई देखे नहीं कि मैं BMW में आया हूं।"
उसने कभी अपने नाम का इस्तेमाल नहीं किया। सिर्फ बैट से जवाब दिया।
Col. C.K. Nayudu Trophy में धमाकेदार प्रदर्शन
Agni ने 2019-20 में मुंबई U-23 के लिए Col. C.K. Nayudu Trophy में लगभग 800 रन बनाए - 3 शतक और एक डबल सेंचुरी।
उनके कोच Khushpreet Singh Aulakh, जिन्हें वो अपना बड़ा भाई मानते हैं, ने उनकी मेहनत को निखारा। उन्होंने Agni को tough cricket सिखाया - जिसमें ना सिर्फ रन बनाना था, बल्कि सहनशीलता, डिसिप्लिन और मैच्योरिटी भी लानी थी।
मुंबई रणजी टीम से मिला झटका
इतना शानदार प्रदर्शन करने के बाद भी Agni को मुंबई रणजी टीम से कॉल नहीं आया।
इससे भी बुरा समय तब आया जब उन्हें चोट लगी और उसी दौरान एक relationship breakup भी हुआ। वो वक्त Agni की ज़िंदगी का सबसे कठिन फेज़ था।
वो डिप्रेशन में चला गया, और क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया।
मिजोरम से बदली किस्मत
कहते हैं, अगर आपका इरादा सच्चा हो, तो मौका खुद चलकर आता है।
Agni को एक कॉल आया - मिजोरम क्रिकेट टीम से। उन्होंने बिना सोचे हामी भर दी और वहां से उनका comeback शुरू हुआ।
अपने पहले ही सीज़न में Agni ने 4 सेंचुरी मारी, और 939 रन बनाए।
अगले सीज़न में भी वही जोश, वही परफॉर्मेंस - 1800+ रन, 9 सेंचुरी, 5 फिफ्टी और एक नाबाद 238 रन की पारी।
उनका औसत (Average) था - 94.94
अब ये सिर्फ एक अमीर लड़का नहीं था, अब ये एक डेडिकेटेड प्रोफेशनल क्रिकेटर बन चुका था।
Indian passport नहीं, तो Ranji Trophy भी नहीं
Agni के पास अमेरिकन पासपोर्ट है, और एक नियम के मुताबिक सिर्फ Indian Passport Holder ही Ranji Trophy खेल सकते हैं।
ये एक बड़ा झटका था।
लेकिन इस बार Agni ने हार नहीं मानी। उसने फैसला किया - "अब USA में ही क्रिकेट को नई दिशा दूंगा।"
MLC - जब सपना हकीकत बना... एक फ्लाइट के दौरान!
19 फरवरी 2025 – Agni अमेरिका से मुंबई की फ्लाइट में था, Air India में। फ्लाइट में Wi-Fi नहीं था, और उसी दौरान हो रहा था MLC 2025 का Draft।
17 घंटे की फ्लाइट के बाद जैसे ही वो लैंड किया, माँ का मैसेज आया –
"Agni, MI New York ने तुझे $50,000 में खरीद लिया है!"
Agni खुशी से उड़ गया।
जिस Mumbai Indians को वो बचपन से सपोर्ट करता था, उसी के US Franchise – MI New York से खेलने का मौका मिल गया।
MLC डेब्यू - एक नई शुरुआत
शनिवार को Agni ने MI New York के लिए डेब्यू किया।
हालांकि सिर्फ 5 रन बनाए, लेकिन सबको पता है – ये बस शुरुआत है।
जैसे सचिन का डेब्यू याद नहीं, पर उनकी लीजेंडरी पारी याद रहती है - वैसे ही Agni के लिए भी आगे आने वाले साल यादगार हो सकते हैं।
Agni की कहानी क्यों खास है?
- उसने कभी अपने पिता का नाम इस्तेमाल नहीं किया।
- उसने पर्सनल स्ट्रगल्स झेले - चोट, ब्रेकअप, रिजेक्शन।
- लेकिन उसने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी।
- और सबसे जरूरी बात - उसने क्रिकेट को चुना, और क्रिकेट ने उसे फिर से अपनाया।