10वीं के बाद सही स्ट्रीम कैसे चुनें: एक बच्चे की ज़िंदगी बदलने वाली कहानी

"कभी लगता था मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा... लेकिन एक सही फ़ैसले ने मेरी पूरी ज़िंदगी बदल दी।"

कहानी की शुरुआत – छोटा सा गांव, बड़े सपने

ये कहानी है एक छोटे से गांव के 15 साल के लड़के अर्जुन की। हाँ, वही अर्जुन जो 10वीं के बाद इस सोच में डूबा हुआ था कि अब आगे क्या करना है? साइंस, कॉमर्स या आर्ट्स? कुछ समझ नहीं आ रहा था।
अर्जुन पढ़ने में अच्छा था, लेकिन पापा किसान थे और घर की हालत ठीक नहीं थी। स्कूल के बाद घर आते ही मां कहती, “बेटा, जो करना है सोच समझकर करना, ज़िंदगी का रास्ता अब यहीं से बनता है।”

अर्जुन रोज़ अपने दोस्तों से सुनता -
"मैं तो साइंस लूंगा, इंजीनियर बनूंगा!"
"मैं कॉमर्स लूंगा, CA बनूंगा!"
"भाई, आर्ट्स सबसे आसान है, आराम से पास हो जाओगे!"

लेकिन अर्जुन का दिल कहता, “मुझे कुछ ऐसा करना है जिससे मेरी अलग पहचान बने, लेकिन वो क्या है?”

10वीं के बाद सही स्ट्रीम कैसे चुनें

स्कूल में आया एक मोड़

एक दिन स्कूल में एक करियर गाइडेंस वर्कशॉप हुई। वहाँ एक टीचर आईं - मिस कविता। उन्होंने बोर्ड पर लिखा –
"खुद से पूछो - मैं क्या करना चाहता हूँ?"
फिर उन्होंने एक छोटी एक्टिविटी करवाई। सभी बच्चों से कहा गया कि वो एक पेपर पर लिखें कि उन्हें क्या अच्छा लगता है।
अर्जुन ने लिखा - "मुझे लोगों की मदद करना अच्छा लगता है। मुझे कहानी लिखना और दूसरों को समझाना अच्छा लगता है।"

कविता मैडम ने कहा, “हर बच्चा यूनिक होता है। स्ट्रीम वही चुनो, जो तुम्हारे अंदर के पैशन से मेल खाए।”

तीन रास्ते - कौन सा है सही?

1. साइंस (Science) -
अगर तुम्हें मैथ्स या बायोलॉजी में मजा आता है, मशीनों, कंप्यूटर, डॉक्टरी या रिसर्च में दिलचस्पी है - तो ये रास्ता है तुम्हारे लिए।
उदाहरण:
अर्जुन का दोस्त रोहित हमेशा लाइट तोड़ता-जोड़ता था, पंखा खोलकर उसमें कुछ न कुछ फिट करता था। उसने साइंस लिया, और आज वो इंजीनियरिंग कर रहा है।

2. कॉमर्स (Commerce) -
अगर तुम्हें पैसे, बिज़नेस, बैंक, शेयर मार्केट या अकाउंट्स में इंटरेस्ट है - तो कॉमर्स सही है।
उदाहरण:
रिया को दुकान चलाने का बहुत शौक था। वो मां के साथ सब्ज़ी बेचने में भी मोलभाव करती थी। आज वो कॉमर्स से पढ़ाई करके खुद का स्टार्टअप चला रही है।

3. आर्ट्स (Arts/Humanities) -
अगर तुम्हें इतिहास, राजनीति, समाजशास्त्र, लिखना, पढ़ना या लोगों से बात करना पसंद है - तो ये रास्ता सबसे क्रिएटिव है।
उदाहरण:
अर्जुन, जिसने ये कहानी लिखी है, वही आर्ट्स लिया। आज वो एक सफल लेखक और मोटिवेशनल स्पीकर है। लोगों की कहानियों से लोगों की ज़िंदगी बदलता है।

अर्जुन का फ़ैसला - दिल की सुनो, दुनिया की नहीं

अर्जुन ने आर्ट्स चुना। सबने कहा - "क्या करेगा इससे? नौकरी नहीं मिलेगी।" लेकिन अर्जुन ने सोचा, “अगर मैं वो करूंगा जो मुझे पसंद है, तो मैं उसमें सबसे अच्छा बनूंगा।”
उसने मन लगाकर हिंदी, समाजशास्त्र और मनोविज्ञान पढ़ा। फिर उसने पत्रकारिता (Journalism) की पढ़ाई की और एक ब्लॉग शुरू किया - "गांव से शहर तक"।
आज उसके ब्लॉग को लाखों लोग पढ़ते हैं। सरकारी संस्थाएं उसकी कहानी बच्चों तक पहुँचाती हैं। और वो खुद दूसरों को गाइड करता है कि सही स्ट्रीम कैसे चुनें।

10 साल के बच्चे की तरह समझें - आसान भाषा में

मान लो तुम्हारे पास तीन चॉकलेट हैं -
एक थोड़ी कड़वी लेकिन बहुत पावरफुल (Science)
एक थोड़ी मीठी और समझदारी वाली (Commerce)
एक सबसे रंगीन, अलग स्वाद वाली (Arts)

अब सोचो - तुम्हें कौन सी सबसे ज़्यादा पसंद है? जो तुम्हारी जुबान और मन दोनों को अच्छा लगे।
बस, वही है तुम्हारी सही स्ट्रीम।

कुछ ज़रूरी बातें याद रखो - Tips

पैशन पहचानो:
    क्या चीज़ करने में समय का पता ही नहीं चलता? वही तुम्हारी दिशा हो सकती है।
कमज़ोरियों से मत डरो:
    मैथ्स से डर लगता है? कोई बात नहीं, हर रास्ता मैथ्स से नहीं जाता।
दोस्तों की ना सुनो, खुद से पूछो:
    सबका रास्ता अलग होता है। जो तुम्हारे लिए सही है, वो किसी और के लिए नहीं होगा।
गाइडेंस लो:
    अपने टीचर, बड़े भाई-बहन या काउंसलर से बात करो।
पैसे की चिंता मत करो, स्किल्स कमाओ:
    सही स्किल्स और पैशन के साथ पैसा खुद आएगा।

अंत में अर्जुन का संदेश -

"10वीं के बाद स्ट्रीम चुनना आखिरी नहीं, पहली सीढ़ी है। डर नहीं, सोच और समझ से कदम बढ़ाओ। रास्ते बहुत हैं, लेकिन मंज़िल वही मिलेगी जिसमें दिल हो।”

क्या आपने अपनी स्ट्रीम सोच ली?

अगर नहीं, तो एक पेपर लो, तीन सवाल लिखो:
  1. मुझे क्या करना अच्छा लगता है?
  2. मैं किस काम में अच्छा हूँ?
  3. क्या मैं इसके बारे में और सीखना चाहता हूँ?
अब इनका जवाब दो। और अपने अर्जुन को पहचानो। वही तुम्हारी कहानी का हीरो बनेगा।

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